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मस्तिष्क की शरण में
[vc_column width="1/4"][vc_column width="3/4"]स्वप्न अचम्भित करते हैं .. दिवस रात्रि विचलित करते हैं .. यथार्थ छलता है ... जीवन मार्ग में भटकाता है .. आत्मा आश्वासन देती है .. कर्म करने का व्यसन देती है .. हृदय भ्रमित करता है ... अस्थिर हो अवसर वंचित करता है .. अंततः मस्तिष्क की शरण में गंतव्य का मर्गदर्शन होता है .. शांति का साहचर्य होता [...]
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