बेवजह है रास्ते ढूँढना
भटकना ओर उन रास्तों में कोई चुनना
फिर किसी एक रास्ते में खो जाना ,
चलते चलना ,उठना ,गिरना ,
राहगिर पहचान ना !!
बेहतर है पानी बन जाना
बह जाना
रिस जाना
ढुल जाना
घुल जाना
पसर जाना
हर हाल में बेहतर है पानी हो जाना
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2 Comments
बहुत ही उम्दा….
इतना असान भी नहीं पानी हो जाना,
क्यूंकि पानी ओर तमन्नाओ की तासीर एक सी हे.. बढ़ते जाना…
तमन्ना जब पानी की तासीर पा लेंगी तो अपना रास्ता ख़ुद बनाती चली जाएँगी ।😊 .. thank you for the feedback.