यह अभिव्यक्ति है सोच की ,विचारों की , मन की , भावों की ,
यह अभिव्यक्ति है हर उस बात की जो देखी ,जिसे अनुभूत किया , जो जाना ,जितना समझा ; चाहे सच में या कल्पना में ,अपने में या दूसरों में ।
यह मोहक है इंद्रधनुष के रंगो सी …
यह अभिव्यक्ति है जीवन की हर एक के , कभी भोगे हुए सुख की तो कभी झेले हुए दुःख की , कभी संघर्ष की तो कभी सफलता की ।
यह अथक है दिवा निशि सी ..
यह अनुभूति की अभिव्यक्ति है जो मिली प्रकृति के संग से ,वृक्ष से ,कभी पुष्पों से कभी पर्वत से तो कभी नदियों से। यह अनंत है व्योम सी …
यह अभिव्यक्ति है हर एक बात की , बातों पर की गयी बात की , कभी कभी तुम्हारे मेरे संवाद की , हाँ कभी तर्क की तो कभी वितर्क की बात है ।
यह रोचक है एक प्याली चाय के साथ बीती शाम सी ..
यह अभिव्यक्ति है समाज के नियमों की , कभी स्त्री के बंधनों की , तो कभी पुरुष के प्रेम की , कभी कभी सभ्य समाज की संकुचितता की तो कभी स्वच्छन्द मन की लम्बी गुलाचों की ।
यह सहज है पुष्प की सुगंध सी …
यह अभिव्यक्ति है स्वप्नों के बन ने की , कभी टूटने की , कभी मिलने की ,कभी वियोग की , कभी कभी कुछ भी ना हो जाने की ।
यह सच्ची है एक मित्र सी….
जी हाँ यह अभिव्यक्ति ही है ।।