बेवजह है रास्ते ढूँढना
भटकना ओर उन रास्तों में कोई चुनना
फिर किसी एक रास्ते में खो जाना ,
चलते चलना ,उठना ,गिरना ,
राहगिर पहचान ना !!
बेहतर है पानी बन जाना
बह जाना
रिस जाना
ढुल जाना
घुल जाना
पसर जाना
हर हाल में बेहतर है पानी हो जाना
[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]
4 Comments
Very well said
Thnx 😊
Truly said..
😊